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कुटीर एवं ग्रामोद्योग का दो साल का रिपोर्ट कार्ड : 50 हजार परिवारों को रोजगार , खादी-रेशम को नई रफ्तार

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भोपाल | रिपोर्ट

कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की दो साल की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड पेश, 50 हजार से अधिक परिवारों को मिला लाभ

मध्यप्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल ने भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में अपने विभाग के दो वर्षों की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का विस्तृत रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। मंत्री जायसवाल ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग न केवल प्रदेश का सबसे पुराना उद्योग है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और रोजगार सृजन की रीढ़ भी है।

उन्होंने बताया कि बीते दो वर्षों में खादी, हथकरघा, रेशम, माटी कला और टेराकोटा जैसे परंपरागत उद्योगों के माध्यम से 50 हजार से अधिक परिवारों को लाभान्वित किया गया है। अब तक 63 करोड़ रुपये की अनुदान राशि वितरित की गई है, जबकि बैंकों के माध्यम से 252 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इन योजनाओं के तहत 6300 से अधिक नए रोजगार सृजित हुए हैं।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से मिली मजबूती

मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत 2568 ग्रामोद्योग इकाइयों को स्वीकृति दी गई है। इस योजना में युवाओं और कारीगरों को 5 लाख से 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें।

कौशल विकास और विपणन पर विशेष फोकस

कौशल उन्नयन विकास कार्यक्रम के तहत 1710 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 1197 लोगों को प्लेसमेंट भी मिला। विभाग द्वारा 10 करोड़ रुपये की सामग्री का उत्पादन किया गया, जबकि खादी एम्पोरियम के माध्यम से 23 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई।

राज्य स्तर पर 30 और जिला स्तर पर 49 प्रदर्शनियां आयोजित की गईं। इसके साथ ही नई दिल्ली, मुंबई, रांची, कोलकाता और छत्तीसगढ़ में भी खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की प्रदर्शनियां लगाई गईं। डिजिटल मीडिया के जरिए आउटरीच लगातार बढ़ाया जा रहा है और खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म भी तैयार किया गया है।

आगामी योजनाएं : उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर… 

मंत्री दिलीप जायसवाल ने आगामी तीन वर्षों की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि :

खादी उत्पादन केंद्रों पर नए चरखे और लोम लगाए जाएंगे

खादी एम्पोरियम में तैयार होने वाले सरसों के कच्ची घानी तेल की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी उत्पादन क्षमता पांच गुना बढ़ाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है

देवास में धागा उत्पादन का नया प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे धागा सस्ता होगा और कपड़ों की लागत भी कम आएगी

एमपी नगर, भोपाल में खादी को लेकर नया मॉल विकसित किया जाएगा

उज्जैन और खरगोन में चरखा और हैंडलूम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें बुनकरों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण के बाद रोजगार से जोड़ा जाएगा

गांधीजी से जुड़ी विरासत

मंत्री ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की नींव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रखी थी और मध्यप्रदेश में इसकी स्थापना 1990 में की गई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संदेश को भी दोहराया जिसमें उन्होंने देशवासियों से कम से कम एक दिन खादी पहनने की अपील की है, ताकि छोटे बुनकरों और कारीगरों को सीधा लाभ मिल सके।

माटी कला, टेराकोटा और रेशम को भी बढ़ावा

सरकार ने माटी कला शिल्पियों को निशुल्क स्थान उपलब्ध कराकर उन्हें व्यापार से जोड़ा है। टेराकोटा, रेशम और खादी उद्योग में रोजगार बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग आने वाले वर्षों में प्रदेश को रोजगार, स्वावलंबन और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

Tahalka Bharat
Author: Tahalka Bharat

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