सिंगरौली में आदिवासी अधिकारों और पर्यावरण पर हमला, कांग्रेस ने खोला मोर्चा
नई दिल्ली/भोपाल।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में खनन गतिविधियों को लेकर संविधान, पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस का आरोप है कि कॉर्पोरेट हितों के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई कर आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे पर वह सड़क से सदन और अदालत तक संघर्ष करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक ओर पर्यावरण संरक्षण की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर सिंगरौली में अडानी समूह को सुलियारी और धिरौली कोल ब्लॉक आवंटित कर हजारों पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई। इसे कांग्रेस ने केंद्र सरकार का “दोहरा चरित्र” करार दिया।
तथ्य अन्वेषण समिति को रोकने का आरोप
इस मामले की जमीनी हकीकत सामने लाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया था। समिति जब सिंगरौली पहुँची और प्रभावित आदिवासी परिवारों से मिलने की कोशिश की, तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। कांग्रेस का आरोप है कि भारी विरोध और जनदबाव के बाद ही समिति को पीड़ितों से मिलने दिया गया, जिससे साफ होता है कि सच्चाई दबाने की कोशिश की जा रही थी।
दिल्ली में प्रेस वार्ता, कई बड़े नेता मौजूद
आज कांग्रेस मुख्यालय, नई दिल्ली में तथ्य अन्वेषण समिति ने आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता की। इसमें पर्यावरणीय नुकसान, वन कानूनों के उल्लंघन और आदिवासी जमीनों के कथित अवैध हस्तांतरण से जुड़े साक्ष्य मीडिया के सामने रखे गए।
प्रेस वार्ता में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, तेलंगाना प्रभारी एवं पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, CWC सदस्य कमलेश्वर पटेल, CEC सदस्य ओंकार मरकाम, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, राष्ट्रीय सचिव हिना कांवरे और सह-प्रभारी रणविजय लोचव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
हरीश चौधरी का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि सिंगरौली में संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पर्यावरण, वाइल्ड लाइफ और आदिवासियों से जुड़े कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन करेगी और सदन के साथ-साथ अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी।

जीतू पटवारी के गंभीर आंकड़े
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में देश की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी रहती है, जिसकी संख्या 1.5 करोड़ से अधिक है। राज्य में कानून है कि किसी आदिवासी की जमीन गैर-आदिवासी नहीं खरीद सकता, इसके बावजूद पिछले चार वर्षों में 1,30,000 हेक्टेयर से अधिक आदिवासी भूमि बेची गई। उन्होंने आरोप लगाया कि 1,46,000 हेक्टेयर जमीन खनन के लिए माफियाओं को दे दी गई और 5,000 से अधिक खदानें नियमों को ताक पर रखकर आवंटित की गईं।

उमंग सिंघार का सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या अब सरकार की नीति केवल कॉर्पोरेट मुनाफा रह गई है? क्या देश का पर्यावरण और आदिवासियों के घर-जंगल उजाड़ना ही विकास का मॉडल है?
संघर्ष जारी रखने का ऐलान
कांग्रेस ने साफ किया कि सिंगरौली का मामला केवल एक जिले या राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश के संविधान, पर्यावरण संरक्षण, आदिवासी अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा है। पार्टी ने ऐलान किया कि वह इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी और आदिवासी समाज तथा प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।










